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Showing posts from December, 2022

बिहार-टू-बलिया: सड़क पर फर्राटा भरने के बजाए नाव का सहारा लेते हैं सीवान-छपरा समेत कई जिलों के लोग, जानें वजह

सीवान. बिहार के सीवान में आजकल लोग सड़क के बजाए नाव से सफर करने को तबज्जो दे रहे हैं. इससे नाव चालकों की आय बढ़ने लगी है. दरअसल नाव से सफर करने की वजह से लोगों का समय भी बच रहा है. इसे आप अजूबा कह सकते हैं, लेकिन सीवान में आजकल ऐसा ही हो रहा है. नाव से सफर सिर्फ सीवान के ही नहीं बल्कि छपरा, गोपालगंज, बेतिया और मोतिहारी जिले के लोग भी कर रहे हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश के बलिया जाने के लिए लोग अधिकतर नाव के ही सहारा लेते हैं, क्योंकि सड़क मार्ग से काफी दूरी तय करनी पड़ती है और समय भी लगता है. हालांकि सीवान के दरौली पंच मंदिरा घाट से नाव से दूरी तय करने पर मात्र 30 मिनट में ही 5 किलोमीटर की दूरी तय कर उत्तर प्रदेश के बलिया खरीद घाट पहुंच जाते हैं. इससे 50 किलोमीटर की दूरी कम हो जाती है और लोग खरीद घाट से बलिया चले जाते हैं. पंच मंदिरा घाट से रोजाना तीन स्टीमर का होता है परिचालन सीवान मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर सरयू नदी के तट पर दरौली प्रखंड बसा है. दरौली के पंच मंदिरा घाट और शिवाला घाट से तीन स्टीमर का परिचालन प्रतिदिन होता है. जहां से स्ट्रीमर के जरिए सफर आए दिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं...